आज के दौर में ऐसा कम ही होता है कि कोई फ़िल्म हमारे मन को दूषित करने के बजाय उसे दृढ़, शांत और सत्याभिमुख कर दे। हम अक्सर फ़िल्मों के नाम पर अनावश्यक भौतिकता, दिखावा और कामुक दृश्यों का सामना करते है…
Read more »📜 प्रस्तावनाआज के युग में हम देखते हैं कि 1 रुपये की वस्तु भी कभी-कभी 1000 रुपये में बिक जाती है।
ऐसे में प्रश्न उठता है — क्या यह शास्त्रसम्मत है?
क्या व्यापारी को लाभ लेने की कोई सीमा या नीति बताई…
बहुत समय पहले काशी नामक एक सुंदर गाँव में एक बालक रहता था — उसका नाम था आरव। आरव जिज्ञासु, समझदार और विनम्र था, परंतु उसके मन में भी कभी-कभी क्रोध, कामना, लोभ, मोह, ईर्ष्या, और द्वेष जैसे भाव उठते रह…
Read more »प्राचीन समय की बात है। एक नगर में सत्यव्रत नाम के गृहस्थ और उनकी पत्नी सुमन रहते थे। दोनों प्रतिदिन सत्संग में जाते थे, जहाँ एक महात्मा जी भक्तों को आत्मबोध का उपदेश देते थे।महात्मा जी अक्सर कहते—“ह…
Read more »छठ पूजा, बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का अत्यंत पवित्र पर्व है। सूर्य देव और छठी मइया की उपासना का यह पर्व श्रद्धा, तप और पूर्ण समर्पण का प्रतीक है। परंतु लोक में अक्सर यह सुना जाता है — “छठ में 12…
Read more »प्राचीन भारत में दीपावली केवल आनंद या प्रदर्शन का पर्व नहीं थी, बल्कि यह वातावरण को पवित्र करने का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक उत्सव हुआ करती थी। उस समय घर-घर में घी के दीपक जलाए जाते थे, जिनसे वातावरण …
Read more »जैसा कि हम सभी जानते हैं, सूर्य ही ऊर्जा का मूल स्रोत है। धरती पर जितने भी चर-अचर प्राणी हैं — सभी में सूर्य की ऊर्जा ही किसी न किसी रूप में विद्यमान है। चाहे वह पेड़-पौधे हों, जानवर हों या मनुष्य …
Read more »
Social Plugin