भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में राम-नाम, राम-भक्ति और राम-स्मरण को जीवन की सबसे शक्तिशाली साधनाओं में माना गया है। यह केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि मानसिक बल, शांति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति …
Read more »आज के समय में भिक्षा शब्द सुनते ही भीख माँगने की छवि सामने आती है।लेकिन सनातन परंपरा में ‘भिक्षा-वृत्ति’ का अर्थ इससे बिल्कुल अलग है।प्राचीन भारत में भिक्षा-वृत्ति = जीवन-निर्वाह की शुद्ध और मर्याद…
Read more »आज के दौर में ऐसा कम ही होता है कि कोई फ़िल्म हमारे मन को दूषित करने के बजाय उसे दृढ़, शांत और सत्याभिमुख कर दे। हम अक्सर फ़िल्मों के नाम पर अनावश्यक भौतिकता, दिखावा और कामुक दृश्यों का सामना करते है…
Read more »📜 प्रस्तावनाआज के युग में हम देखते हैं कि 1 रुपये की वस्तु भी कभी-कभी 1000 रुपये में बिक जाती है।
ऐसे में प्रश्न उठता है — क्या यह शास्त्रसम्मत है?
क्या व्यापारी को लाभ लेने की कोई सीमा या नीति बताई…
बहुत समय पहले काशी नामक एक सुंदर गाँव में एक बालक रहता था — उसका नाम था आरव। आरव जिज्ञासु, समझदार और विनम्र था, परंतु उसके मन में भी कभी-कभी क्रोध, कामना, लोभ, मोह, ईर्ष्या, और द्वेष जैसे भाव उठते रह…
Read more »प्राचीन समय की बात है। एक नगर में सत्यव्रत नाम के गृहस्थ और उनकी पत्नी सुमन रहते थे। दोनों प्रतिदिन सत्संग में जाते थे, जहाँ एक महात्मा जी भक्तों को आत्मबोध का उपदेश देते थे।महात्मा जी अक्सर कहते—“ह…
Read more »छठ पूजा, बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का अत्यंत पवित्र पर्व है। सूर्य देव और छठी मइया की उपासना का यह पर्व श्रद्धा, तप और पूर्ण समर्पण का प्रतीक है। परंतु लोक में अक्सर यह सुना जाता है — “छठ में 12…
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